कृभको ने नोवोनेसिस के साथ साझेदारी में पेश किया नया जैव उर्वरक, चावल, गेहूं और दालों समेत इन फसलों को होगा फायदा
KRIBHCO Rhizosuper: इस दानेदार उत्पाद, जिसकी कीमत 500-550 रुपये प्रति एकड़ होगी, में नोवोनेसिस के लिपो-चिटूलिगोसेकेराइड्स (LCO) प्रमोटर तकनीक का उपयोग किया गया है.
KRIBHCO Rhizosuper: उर्वरक सहकारी संस्था कृभको (KRIBHCO) ने वैश्विक जैव समाधान कंपनी नोवोनेसिस (Novonesis) के साथ साझेदारी में ‘कृभको राइजोसुपर’ (KRIBHCO Rhizosuper) नामक जैव उर्वरक की पेशकश की. कंपनी का इरादा आगामी सर्दियों की फसल के मौसम के लिए इसे भारतीय किसानों को उपलब्ध कराना है. इस दानेदार उत्पाद, जिसकी कीमत 500-550 रुपये प्रति एकड़ होगी, में नोवोनेसिस के लिपो-चिटूलिगोसेकेराइड्स (LCO) प्रमोटर तकनीक का उपयोग किया गया है. इसे चावल, गेहूं और दालों सहित अलग-अलग फसलों पर, पौधों के शुरुआती विकास चरणों के दौरान लगाया जा सकता है जब जड़ें विकसित हो रही होती हैं.
कृभको के मैनेजिंग डायरेक्टर एम आर शर्मा ने कहा, यह साझेदारी एक नए युग की शुरुआत करेगी, जहां भारतीय किसानों को अत्याधुनिक कृषि-जैव समाधानों तक पहुंच मिलेगी. यह पेशकश एक दीर्घकालिक सहयोग का हिस्सा है जिसमें कृभको (KRIBHCO) की जैव उर्वरक सुविधा को मजबूत करना और इसके उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार करना शामिल है.
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भारत, पश्चिम एशिया और अफ्रीका क्षेत्र के लिए नोवोनेसिस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कृष्ण मोहन पुव्वाडा ने कहा कि यह पहली बार है जब भारत में मालिकाना एलसीओ प्रमोटर तकनीक के साथ एक अभिनव माइकोरिज़ल जैव उर्वरक पेश किया जा रहा है. इस उत्पाद का परीक्षण पूरे भारत में गेहूं, टमाटर और मिर्च पर किया गया है. कृभको (KRIBHCO) सालाना 20,000 टन तक उत्पादन कर सकती है और मांग बढ़ने पर विस्तार करने की योजना बना रही है. भारत में जहां जैव उर्वरकों के बारे में जागरूकता मौजूदा समय में कम है, कृभको का लक्ष्य किसानों तक पहुंच प्रयासों को बढ़ावा देना है.
नोवोनेसिस के अनुसार, भारत में जैविक क्षेत्र ने पिछले पांच वर्षों में डबल डिजिट ग्रोथ देखी है, लेकिन बाजार में पैठ 5 फीसदी से नीचे बनी हुई है, जो जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संबंधी चिंताओं की बढ़ती चुनौतियों के बीच विस्तार के लिए महत्वपूर्ण गुंजाइश को दर्शाता है.
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07:00 PM IST